Friday 26 January 2018

लुत्फ़-ए-सफ़र

लुत्फ़-ए-सफ़र में हम कुछ ऐसे बहल गए
मंजिल पे पंहुचा, देखा और आगे निकल गए
[ लुत्फ़-ए-सफ़र = pleasure of travelling]
गुज़रे जब कूचा-ए-जाना से हम आज
बरसों के दबे तमन्ना, दिल में मचल गए
[कूचा-ए-जाना = lane of beloved ]

'मुज़्तरिब'

No comments:

Post a Comment