Sunday 2 November 2014

उदासियों में भी मुस्करा रहा था मैं !
फ़क़ीरी के भी लुफ़्त उठा रहा था मैं !!
झूठीं हँसी का राज़ जानता था मगर !
बड़े ही अदब से फ़रेब खा रहा था मैं !!
 " तन्हा " !!

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