Sunday 2 November 2014

मुझे पतझडो की कहानियों ना सुना सुना कर उदास कर
तू खिजा का फूल है मुसकरा जो गुजर गया सो गुजर गया
वो उदास धूप समेट कर कही वादियो मे उतर चुका
उसे अब ना दे मेरे दिल सदा जो गुजर गया सो गुजर गया
बशीर बद्र

No comments:

Post a Comment