मैं इस उम्मीद पे डूबा कि तू बचा लेगा;
अब इसके बाद मेरा इम्तिहान क्या लेगा;
ये एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा;
ढलेगा दिन तो हर एक अपना रास्ता लेगा;
अब इसके बाद मेरा इम्तिहान क्या लेगा;
ये एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा;
ढलेगा दिन तो हर एक अपना रास्ता लेगा;
मैं बुझ गया तो हमेशा को बुझ ही जाऊँगा;
कोई चिराग नहीं हूँ जो फिर जला लेगा;
कलेजा चाहिए दुश्मन से दुश्मनी के लिए;
जो बे-अमल है वो बदला किसी से क्या लेगा;
मैं उसका हो नहीं सकता बता न देना उसे;
सुनेगा तो लकीरें हाथ की अपनी जला लेगा;
हज़ार तोड़ के आ जाऊँ उस से रिश्ता 'वसीम';
मैं जानता हूँ वो जब चाहेगा बुला लेगा।
»»» वसीम बरेलवी !!!
कोई चिराग नहीं हूँ जो फिर जला लेगा;
कलेजा चाहिए दुश्मन से दुश्मनी के लिए;
जो बे-अमल है वो बदला किसी से क्या लेगा;
मैं उसका हो नहीं सकता बता न देना उसे;
सुनेगा तो लकीरें हाथ की अपनी जला लेगा;
हज़ार तोड़ के आ जाऊँ उस से रिश्ता 'वसीम';
मैं जानता हूँ वो जब चाहेगा बुला लेगा।
»»» वसीम बरेलवी !!!
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