मैनेँ दो चार किताबेँ तो पढी है,लेकिन
शहर के तौर तरीके मुझे कम आते है
खूबसूरत सा कोई हादसा आंखों मेँ लिये
घर की दहलीज़ पर डरे हुए हम आते है ॥
शहर के तौर तरीके मुझे कम आते है
खूबसूरत सा कोई हादसा आंखों मेँ लिये
घर की दहलीज़ पर डरे हुए हम आते है ॥
- बशीर बद् ।
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