Sunday, 2 November 2014

कुछ दिनों से

अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिनों से
नज़र पर बोझ है और दिल खफ़ा है कुछ दिनों से

वो और था जिसे तू जनता था बरसों से
मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिनों से

अदा है,शोखी है,जादू है या फरेब कोई
न जाने उस की निगाह में क्या है कुछ दिनों से !!!

»»» बशीर बद्र !!!

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